शनिवार, 10 सितंबर 2016

एक मैसेज भारतीय सभ्यता के नाम


गाय हमारी *COW* बन गयी, शर्
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.म हया अब *WOW* बन गयी
, काढ़ा हमारा *CHAI* बन गया


, छोरा बेचारा *GUY* बन गया,

 योग हमारा *YOGA* बन गया,
   घर का जोगी *JOGA* बन गया,.
  भोजन 100 रु. *PLATE* बन गया,.
 ..हमारा भारत *GREAT* बन गया..
 घर की दीवारेँ *WALL* बन गयी. 
, दुकानेँ *SHOPING MALL*बन गयीँ,  
गली मोहल्ला *WARD* बन गया. 
, ऊपरवाला *LORD* बन गया,  
माँ हमारी *MOM* बन गयी.
, छोरियाँ *ITEM BOMB* बन गयीँ,  
 तुलसी की जगह *मनी प्लांट* ने ले ली..!
 चाची की जगह *आंटी* ने ले ली..!
 पिता जी *डैड* हो गये..!
भाई तो अब *ब्रो* हो गये..!
बेचारी बहन भी अब *सिस* हो गयी..!
 दादी की लोरी तो अब *टांय टांय फिस्स* हो गयी।
जीती जागती माँ बच्चों के लिए *ममी* हो गयी..

! रोटी अब अच्छी कैसे लगे *मैग्गी जो इतनी यम्मी* हो गयी..!
 गाय का आशियाना अब शहरों की *सड़कों* पर बचा है..!
 विदेशी कुत्तों ने लोगों के कंधों पर बैठकर *इतिहास* रचा है..!
 बहुत दुःखी हूँ ये सब देखकर दिल टूट रहा है..!
 *हमारे द्वारा ही हमारी* *भारतीय सभ्यता का* *साथ छूट रहा है....* ☝ 🎯
👀 एक मेसेज *भारतीय सभ्यता के नाम..*.

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