बुधवार, 14 सितंबर 2016

करतूत भाग -1


*सरकारें अरबपतियों के लाखों करोड़ के कर्जे माफ़ करती हैं और देश गर्त में गिरता जाता है।* इनमें से 95 प्रतिशत कर्जे बड़े और मझोले उद्योगों के करोड़पति मालिकों को दिये गये थे। यह रकम कितनी बड़ी है इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर ये सारे कर्ज़दार अपना कर्ज़ा लौटा देते तो 2015 में देश में रक्षा, शिक्षा, हाईवे और स्वास्थ्य पर खर्च हुई पूरी राशि का खर्च इसी से निकल आता। इसमें हैरानी की कोई बात नहीं। _पूँजीपतियों के मीडिया में हल्ला मचा-मचाकर लोगों को यह विश्वास दिला दिया जाता है कि अर्थव्यवस्था में घाटे के लिए आम लोग ज़िम्मेदार हैं क्योंकि वे अपने पूरे टैक्स नहीं चुकाते, बिल नहीं भरते, या शिक्षा, अस्पताल, खेती आदि में सरकारी सब्सिडी बहुत अधिक है, आदि-आदि।_ ये सब बकवास है। _देश की ग़रीब जनता कुल टैक्सों का तीन-चौथाई से भी ज़्यादा परोक्ष करों के रूप में चुकाती है।_ मगर इसका भारी हिस्सा नेताशाही और अफ़सरशाही की ऐयाशियों पर और धन्नासेठों को तमाम तरह की छूटें और रियायतें देने पर खर्च हो जाता है। *इतने से भी उनका पेट नहीं भरता तो वे बैंकों से भारी कर्जे लेकर उसे डकार जाते हैं।* ग़रीबों के कर्जे वसूल करने के लिए उनकी झोपड़ी तक नीलाम करवा देने वाली सरकार अपने इन माई-बापों से एक पैसा नहीं वसूल पाती और फिर कई साल बाद उन्हें माफ़ कर दिया जाता है। _दरअसल इस सारी रकम पर जनता का हक़ होता है। करोड़ों लोगों की छोटी-छोटी बचतों से बैंकों को जो भारी कमाई होती है, उसी में से वे ये दरियादिली दिखाते हैं।_ आइये अब ज़रा देखते हैं कि इन चोरों में से 10 सबसे बड़े चोर कौन हैं। 1. टॉप टेन में सबसे ऊपर हैं, अनिल अम्बानी का रिलायंस ग्रुप जो 1.25 लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ दबाये बैठा है। 2. दूसरे नंबर पर है अपने कारखानों के लिए हज़ारों आदिवासियों को उजाड़ने वाला वेदान्ता ग्रुप जिस पर 1.03 लाख करोड़ कर्ज़ है। *वेदांता एक विदेशी कम्पनी है* भारतीयों को अपना दिखाने के लिए बस झाँसे का नाम है। 3. एस्सार ग्रुप पर 1.01 लाख करोड़ कर्ज़ है। 4. अडानी ग्रुप ने बैंकों के 96,031 करोड़ रुपये नहीं लौटाये हैं। इसके बाद भी उसे 6600 करोड़ रुपये के नये कर्ज़ की मंजूरी दे दी गयी थी लेकिन शोर मच जाने के कारण रद्द हो गयी। 5. जेपी ग्रुप पर 75,163 करोड़ का ऋण है। 6. सज्जन जिन्दल के जे.एस.डब्ल्यू. ग्रुप पर 58,171 करोड़ का कर्ज़ है। 7. जी.एम.आर. ग्रुप पर 47,975 करोड़ का ऋण है। 8. लैंको ग्रुप पर 47,102 करोड़ का ऋण है। 9. सांसद वेणुगोपाल धूत की कंपनी वीडियोकॉन पर बैंकों का 45,405 करोड़ का ऋण है। 10. जीवीके ग्रुप कुल 33,933 करोड़ दबाये बैठा है जो 2015 में मनरेगा के लिए सरकारी बजट (34000 करोड़) से भी ज़्यादा है। *आप और हम अभी व्यस्त हैं अपनी धर्म और जाति पात की गूढ़ ज्ञान गंगा में और अपने अपने नेताओं की जिंदाबाद मुर्दाबाद में* हम आपस लड़ते मरते रहें, ...देश और देश की संपत्ति का क्या है वो तो हमारे यही महान नेता, धर्म गुरु और पूंजीपति मिल बाँट कर जल्द ही चट कर लेंगें। बस हम अपनी देशभक्ति भारत माता की जय तक सीमित रखें। 😳😡😩🙄

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