गुरुवार, 15 सितंबर 2016

सुन्दर सन्देश


*Few* Beautiful *Messages* to Start *your day *Beautifully* __ 1. *जिदंगी* मे कभी भी किसी को बेकार मत समझना,क्योक़ि बंद पडी *घडी*भी दिन में दो बार सही समय बताती *है।* 2. *किसी* की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल उस *मक्खी* की तरह है जो सारे खूबसूरत जिस्म को छोडकर केवल *जख्म* पर ही बैठती *है।* 3. *टूट* जाता है *गरीबी* मे वो *रिश्ता* जो खास होता है, हजारो यार बनते है जब *पैसा* पास होता *है।* 4. *मुस्करा* कर देखो तो सारा जहाॅ *रंगीन* है, वर्ना भीगी *पलको* से तो *आईना* भी धुधंला नजर आता *है।* 5. *जल्द* मिलने वाली *चीजे* ज्यादा दिन तक *नही* चलती, और जो चीजे ज्यादा दिन तक *चलती* है वो जल्दी नही *मिलती।* 6. *बुरे* दिनो का एक अच्छा *फायदा* अच्छे-अच्छे *दोस्त* *परखे* जाते है। 7. *बीमारी* खरगोश की तरह आती है और *कछुए* की तरह जाती है; जबकि *पैसा* कछुए की तरह आता है और *खरगोश* की *तरह* जाता है। 8. *छोटी* छोटी बातो मे *आनंद* खोजना चाहिए क्योकि *बङी *बङी* तो *जीवन* मे कुछ ही होती *है।* 9. *ईश्वर* से कुछ *मांगने* पर न मिले तो उससे *नाराज* ना होना *क्योकि* ईश्वर वह नही देता जो आपको अच्छा लगता है *बल्कि* वह देता है जो आपके लिए *अच्छा* होता *है* 10. *लगातार* हो रही असफलताओ से *निराश* नही होना *चाहिए* क्योक़ि कभी-कभी *गुच्छे*की *आखिरी* चाबी भी *ताला* खोल देती *है।* 11. *ये* सोच है हम *इसांनो* की कि एक *अकेला* क्या *कर* सकता है पर देख जरा उस *सूरज* को वो *अकेला* ही तो *चमकता है।* 12. *रिश्ते* चाहे कितने ही बुरे हो उन्हे तोङना मत क्योकि *पानी* चाहे कितना भी *गंदा* हो अगर *प्यास* नही बुझा सकता वो आग तो बुझा *सकता है।* 13. *अब* वफा की *उम्मीद* भी किस से करे भला *मिटटी* के बने लोग *कागजो* मे बिक *जाते है।* 14. *इंसान* की तरह *बोलना* न आये तो *जानवर की *तरह* मौन रहना *अच्छा* है। 15. *जब* हम बोलना नही जानते *थे* तो हमारे बोले *बिना'माँ'* हमारी बातो को *समझ* जाती थी। *और आज हम *हर* बात पर कहते है छोङो भी *'माँ'* आप नही *समझोंगी।* 16. *शुक्र* गुजार हूँ उन तमाम *लोगो* का जिन्होने बुरे *वक्त*_मे मेरा *साथ* छोङ दिया क्योकि उन्हे *भरोसा* था कि मै *मुसीबतो* से अकेले ही निपट *सकता* हूँ। 17. *शर्म*की *अमीरी* से *इज्जत* की *गरीबी *अच्छी* है। 18. *जिदंगी* मे उतार *चङाव* का आना बहुत *जरुरी है* क्योकि *ECG* मे सीधी *लाईन* का मतलब *मौत* ही होता है। 19. *रिश्ते* आजकल *रोटी* की *तरह*हो गए है जरा सी आंच *तेज* क्या हुई *जल* भुनकर *खाक* हो जाते। 20. *जिदंगी* मे अच्छे *लोगो की* तलाश मत *करो* खुद *अच्छे* बन जाओ *आपसे मिलकर *शायद* *किसी* की तालाश *पूरी हो।*

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